पारद शिवलिंग महत्व - An Overview

कुबेर कुंजी को पहले गंगा जल अथवा कच्चे दूध का छिड़काव कर शुद्ध करें।

पारद एक तरल धातु है और जहरीला होता है। इसकी देखभाल थोड़ी जटिल होती है। पारद शिवलिंग को हमेशा बंद स्थान में ही रखना चाहिए। इसे छूते समय सावधानी बरतनी चाहिए और बच्चों की पहुँच से दूर रखना आवश्यक है। यदि आप इन सावधानियों का पालन नहीं कर सकते हैं, तो आप स्फटिक शिवलिंग को चुन सकते हैं, जो देखभाल में आसान होता है।

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आपको ओम नमः शिवाय का नियंत्रण जाप करते रहना चाहिए।

सर्वप्रथम प्रतिमा को गंगाजल एवं कच्चे दूध से नहलाएं।

शिव पुराण के अनुसार जो लोग शिवलिंग की पूजा करके महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, उन्हें सुबह के समय और दोपहर से पहले पूजा कर लेनी चाहिए. तभी ये पूजा विशेष get more info रूप से फलदायी होती है. इसके अलावा याद रखें कि घर में जिस जगह पर शिवलिंग हों, उनके पास पूरा शिव परिवार माता गौरी, गणपति और कार्तिकेय जी को भी बैठाएं.

arushi on यक्षिणी साधना और उपासना : यक्षिणी की तीव्र और प्रचंड साधना

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अशी आख्यायिका मिळते कि समुद्र मंथनाच्या वेळी मोहिनी रूपातल्या स्त्री रुपी विष्णू ला पाहून शिव मोहित झाले आणि त्यांच्या मैथुन क्रियेतून पारा रुपी द्रव उत्त्पत्तीत आला.

नैवेद्यात भाताची खीर रोज जमली नाही, सोमवारी तरी ठेवावी.

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्।

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

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पारद शिवलिंगाला एक वरदान मानले जाते. या लिंगची पूजा केल्याने धन, आरोग्य, ज्ञान आणि ऐश्वर्य मिळते अशी मान्यता आहे.

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